रविवार, 18 दिसंबर 2016

हम सब का चैन!

आधी रात के बाद!
वह बूढ़ा चौकीदार
डंडा टेकता हुआ
ठक ठक ठक ठक
सीटी बजाता हुआ,
रात की रखवाली करता है
चोरों से,
कि वे चुरा न ले जाए
रात की कालिमा
रात की नीरवता,
उसकी ख़ामोशी
और हम सब का चैन!!