tag:blogger.com,1999:blog-7097610147751339738.post7994263383738772938..comments2023-10-25T02:51:49.529-07:00Comments on ठिकाना : श्राद्ध से अधिक श्रद्धा की जरूरतप्रतिभा कुशवाहा http://www.blogger.com/profile/01180030948622578070noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-7097610147751339738.post-29800833318358434202018-03-26T19:55:35.652-07:002018-03-26T19:55:35.652-07:00हमारे यहां इसी को कहा जाता है- मरे पर दूधा भत्ता, ...हमारे यहां इसी को कहा जाता है- मरे पर दूधा भत्ता, जिंदा में गुहा भत्ता। गाङी मारने पर दूध भात का अर्पण करो और जीवित में उनकी लानत मलामत।Vibha Ranihttps://www.blogger.com/profile/12163282033542520884noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7097610147751339738.post-45092300350982166412014-09-14T10:59:06.941-07:002014-09-14T10:59:06.941-07:00 हम अपने इस धार्मिक अनुष्ठान का मर्म नहीं समझते। ल... हम अपने इस धार्मिक अनुष्ठान का मर्म नहीं समझते। लकीर के फकीर होकर सब कुछ मानते चले जाते है। यहीं हमारी समस्या है। <br />वास्तव में अपने बुर्जुगों का सम्मान हम इस सीमा तक करे कि उनकी मृत्यु के बाद भी हम उनके योगदान के लिए अभार व्यक्त करे। <br /><br />सच्ची बात।Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7097610147751339738.post-66281389139636373982014-09-14T00:37:54.293-07:002014-09-14T00:37:54.293-07:00श्राद्ध से अधिक श्रद्धा की जरूरत -- काश लोग समझ पा...श्राद्ध से अधिक श्रद्धा की जरूरत -- काश लोग समझ पाएँ कि बड़ों को जीते जी दिया गया मान-सम्मान ही अहम है.. चिंतनशील लेख मीनाक्षीhttps://www.blogger.com/profile/06278779055250811255noreply@blogger.com