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रविंदर रेड्डी की कलाकृति माइग्रेंट
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ऐतिहासिक इमारतें या किले अपने आप में कई कलाओं केंद्र होते हैं। ऐसी जगहों पर मशहूर कलाकारों की कलाकृतियां प्रदर्शित की जाए, तो ऐसे में यह कठिन हो जाता है कि ऐसी जगहों को क्या नाम दिया जाए? ऐसी जगहें कलाओं का समुच्चय हो जाती है। एक साथ गुथीं हुईं, एकदम अव्यक्त। ऐसी कृतियों को उन्हें निहारते हुए, जब आप उन्हें डिकोड कर रहे होते हैं, तब उस जगह की ऐतिहासिकता उसके अर्थ बदलने लगती हैं। कुछ ऐसी ही अनुभूति जयपुर में नाहरगढ़ किले में माधवेंद्र पैलेस के कला उद्यान में घूमते हुए मिलती है। यह अपने आप में एक अनोखा प्रयोग है। कला प्रेमियों के लिए कला के रसास्वादन यहां बिखेर दिए गए हैं। एक ऐतिहासिक इमारत में अपने-अपने क्षेत्रों की विशिष्ट कलाकारों की कलाकृतियों का प्रदर्शन चाहे जिस उद्देश्य से किया गया हो, पर यहां घूम रहे लोगों की प्रतिक्रियाएं इस तरह के अपने अनूठे पहल के दूसरे आयाम भी खोलते हैं। साथ ही लोगों की कई तरह की प्रतिक्रियाएं हमारी कलाओं के प्रति नासमझी और उपेक्षा की पोल भी खोल देती हैं। इसलिए यहां आप अकेले ही न घूमे, बल्कि उस जनसमूह को साथ लेकर घूमें, तो आपके अनुभव बढ़ जाएंगे।
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हुमा भाभा की कलाकृति |
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स्टीफन कॉक्स |
राजस्थान सरकार ने कला को बढ़ावा देने के लिए दिसंबर, 2017 में इस प्रदर्शनी का उद्घाटन किया था। यह राजस्थान सरकार और साथ साथ आर्ट का संयुक्त आयोजन है। माधवेंद्र भवन को एक आर्ट गैलरी के रूप में परिवर्तित करने के लिए यहां राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कलाकारों को आमंत्रित किया गया है। इस प्रदर्शनी को पीटर नैगी, जो नेचर मोर्टे आर्ट लि. के डॉयरेक्टर हैं, ने क्यूरेट की है। इसमें 15 भारतीय और 09 अंतरराष्ट्रीय कलाकारों की कलाकृतियां प्रदर्शित हैं। इनमें कुछ प्रसिद्ध नाम अरमान, हुमा भाभा, जेम्स ब्राउन, स्टीफन कॉक्स, अनीता दुबे, विभा गलहोत्रा, विक्रम गोयल, सुबोध गुप्ता, इवान हालवे, मैथ्यू डे, जैक्सन, हंस जोसेफ्सन, जितिश कल्लात, रीना कल्लात, मृणालिनी मुखर्जी, मनीष नाई, ज्ञान पंचल, प्रशांत पांडे, रविंदर रेड्डी, आरलेने सैचेट, एलएन तल्लूर आदि हैं। इन सभी कलाकारों की 53 कलाकृतियों का प्रदर्शन इस भवन में किया गया है। माधवेंद्र भवन का निर्माण महाराजा सवाई माधोसिंह द्वितीय ने करवाया था। यह दो मंजिला भवन है, जो दस भागों में बंटा हुआ है। प्रत्येक भवन में शयन कक्ष, भंडार गृह, रसोई, शौचालय है। भवन के बीच में एक चौक स्थित है। भवन में उत्कृष्ट आराइश पर भित्ति चित्रों का अनूठा अलंकरण है। इन्हीं भवनों में इन कलाकृतियों का प्रदर्शन किया गया है।
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भारती खेर की कृति |
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जितिश कल्लात की कृति |