विकास और जनसेवा की स्मारके आप ने बहुत देखी होगी लेकिन भूख की स्मारक देखना हो तो सोनभद्र जिले के राबर्टगंज लोकसभा सीट के घसिया गाँव में आइये । छः दशक के लोकतंत्र का असली चेहरा नजर आ जाएगा। यह स्टोरी बीबीसी कि साईट पर है जहाँ लिखा है कि " गाँव में घुसते ही दिखता है भूख से मरे १८ बच्चो का स्मारक, भारतीय लोकतंत्र की एक कङवी नंगी सच्चाई है।" कल आखिरी चरण के चुनाव के बाद हम १५वी लोकसभा का गठन कर रहे होगे। और साथ ही अपनी लोकतान्त्रिक परम्परा पर गर्व कर रहे होगे । पर यह सच है कि सोनभद्र के घसिया गाँव की तरह और भी घसिया गाँव भूख की स्मारक की बाट जोह रही होगी।
मंगलवार, 12 मई 2009
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