केन नदी और कवि केदारनाथ अग्रवाल, बांदा शहर की दो बड़ी पहचान है। आज केदारनाथ जी का जन्मदिवस है । केदार जी की जन्म शताब्दी के दौरान जब बांदा जाना हुआ तब मुझे केदार जी के घर जाने का अवसर मिला । जिसकी कुछ तस्वीरें यहाँ दे रही हु। इस समय कवि की कुटिया जीर्ण-शीर्ण अवस्था मे है। फिलहाल इसे केदारनाथ शोध पीठ न्यास घोषित कर दिया गया है, इसके सचिव नरेंद्र पुंडरीक जी है। वे ही इस कवि कुटिया की देखभाल करते है। कुछ साहित्यिक गतिविधियों के कारण कभी- कभी इसके दरवाजे खोले जाते है...... वरना अधिकांश समय यह बंद ही रहता है ...फिर भी हम बांदा वासियों के लिए इसका बचा हुआ अस्तित्व मायने रखता है....कि शहर कविता विहीन नहीं हुआ है ....
कवि केदारनाथ अग्रवाल का निवास स्थान |
इस घर को अब केदारनाथ शोध पीठ के कामकाज के लिए प्रयोग मे लाया जा रहा है |
घर का एक मात्र कमरा जो सही सलामत बचा हुआ है |
केदारनाथ शोध पीठ के सचिव नरेंद्र पुंडरीक जी |
कवि कुटिया का आँगन, फिलहाल बीरान |
बस इतना ही शेष है, घर का बहुत सा हिस्सा ढह गया है |
एक ही कमरे मे सब कुछ सहेजने की कोशिश |
4 टिप्पणियां:
कुछ पुरानी बीती बाते जो खूबसूरत है और जरूरी भी। अच्छा वृतांत एक महान व्यक्तित्व का। बहुत खूब प्रतिभा जी
धन्यवाद कृष्ण कुमार जी
अजब शांति है इस बचे हुए ढांचे में भी !
सराहनीय कार्य और पोस्ट भी !
और कभी कविता विहीन होना भी नहीं चाहिए शहर को..
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