रविवार, 30 जनवरी 2011
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रविंदर रेड्डी की कलाकृति माइग्रेंट ऐतिहासिक इमारतें या किले अपने आप में कई कलाओं केंद्र होते हैं। ऐसी जगहों पर मशहू...
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सुमधुर भाषिणी , स्त्री चेता कवयित्री अनामिका को उनकी रचना ‘ टोकरी में दिगंतः थेरी गाथा 2014 को हिंदी का साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला है। सा...
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बस आज 'एक दिन' अलार्म बजने पर क्या नहीं उठूंगी सबसे पहले कोई दे जायेगा सुबह की चाय क्या मेरे बिस्तर पर नही बेलनी पड़ेगी आज रोटिया...
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हाल ही में एक अध्ययन सामने आया है। इसमें बताया गया है कि लिंग भेद मिटाने या कम करने के उद्देश्य से उत्तराधिकार या विरासत संबंधी कानूनों ...
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कुछ पुस्तकें खुद को पढ़ाने की काबिलियत रखती हैं। ऐसी ही एक पतली सी पुस्तक पिछले दिनों हाथ में आयी। आदतन मजमून समझने के उद्देश्य से पेज पलटते-...
2 टिप्पणियां:
घर की तरफ चलते पांव कहीं ठिठकते क्यों नहीं
क्यों होती है हमें रोज़ एक ठिकाने की तलाश
रोटी की भूख
अपनों का साथ.
इंतज़ार को जीवंत कर दिया आपने...साधारण बातें बताती असाधारण रचना
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